माफिया राजन तिवारी की गिरफ्तारी के लिए गठित की गई टीम, 24 साल पहले श्रीप्रकाश शुक्ल सहित चार पर हुई थी गैंगस्टर की कार्रवाई
माफिया राजन तिवारी की गिरफ्तारी के लिए गठित की गई टीम, 24 साल पहले श्रीप्रकाश शुक्ल सहित चार पर हुई
गोरखपुर। बाहुबली पूर्व विधायक राजन तिवारी की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी ने सीओ कैंट के नेतृत्व में टीमें गठित कर दी हैं। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि यह टीम राजन तिवारी की तलाश में सभी ठिकानों पर दबिश देगी। जबकि 17 साल से कोर्ट से जारी एनबीडब्ल्यू के गायब होने के मामले की भी जांच शुरू हो गई है। एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई इस मामले की जांच करेंगे।
योगी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू होने के साथ ही सभी जिलों से पुलिस ने नए सिरे से माफिया की सूची बनानी शुरू की थी और 100 दिन में उनके खिलाफ कार्रवाई का लक्ष्य निर्धारित किया था। पूरे प्रदेश में 61 माफियाओं की सूची तैयार हुई थी। जिसमें गोरखपुर जिले से बिहार के पूर्व विधायक राजन तिवारी का नाम भी शामिल किया गया है। एडीजी अखिल कुमार ने राजन तिवारी का नाम शासन को भेजा था। इसके साथ ही पूर्व विधायक राजन तिवारी के केस और सम्पत्ति की पुलिस ने पड़ताल शुरू कर दी थी। अभी तक की जांच में राजन के नाम की सम्पत्ति की जानकारी पुलिस नहीं जुटा पाई है। उधर, मुकदमो की जांच शुरू हुई तो इसमें कुछ खेल सामने आया। कैंट थाने में दर्ज मुकदमों से जो रिपोर्ट आई उसमें बताया गया कि राजन को सभी मामले में बरी कर दिया गया है।
हालांकि जब कोर्ट में जांच शुरू हुई तो मामला कुछ और ही निकला और इसी दौरान गैंगस्टर के एक केस की जानकारी हुई जिसमें श्रीप्रकाश को गैंग लीडर तो वहीं राजन तिवारी व अन्य को सक्रिय सदस्य बताया गया था। गैंगस्टर की इस फाइल की जांच में पता चला कि 2005 से राजन तिवारी के खिलाफ कई बार एनबीडब्ल्यू जारी हो चुका है और पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। यह प्रकरण जैसे ही सामने आया उसके बाद पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया।
सर्विलांस टीम ट्रेस करेगी लोकेशन
एडीजी अखिल कुमार ने एनबीडब्ल्यू का हवाला देते हुए एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर को राजन को गिरफ्तारी कर कोर्ट में पेश कराने का निर्देश दिया है। गुरुवार को इस मामले में एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई की निगरानी और सीओ कैंट श्याम विंद के नेतृत्व में एसएसपी ने टीम गठित की और राजन की गिरफ्तारी का लक्ष्य दिया। टीम में एसएचओ कैंट, एसओजी और सर्विलांस टीम को लगाया गया है। सर्विलांस टीम लोकेशन ट्रेस करेगी और एसओजी तथा एसएचओ की टीम दबिश देकर गिरफ्तारी करेगी। एसपी सिटी ने बताया कि गिरफ्तारी के लिए अन्य प्रदेश में भी जाना पड़ा तो यह टीम जाएगी।